देहरादून: धामी सरकारी की महत्वपूर्ण घोषणा।
उत्तराखंड सरकार ने अग्निवीरों (Agniveers) के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जो उनकी सैन्य सेवा के बाद सरकारी नौकरियों में उनके भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह ऐलान किया कि राज्य सरकार अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में 10% क्षैतिज आरक्षण (Horizontal Reservation) देने की तैयारी कर रही है।
यह घोषणा देहरादून में पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवार के सदस्यों को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में की गई। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के तहत चार साल की सैन्य सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को यह आरक्षण मिलेगा।
क्या है यह प्रस्ताव?
मुख्यमंत्री धामी के अनुसार, पुलिस (Police), परिवहन (Transport), वन (Forest) और अन्य सरकारी विभागों में अग्निवीरों को 10% क्षैतिज आरक्षण देने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस प्रस्ताव को जल्द ही राज्य कैबिनेट (State Cabinet) की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो अग्निवीर अग्निपथ योजना के तहत अपनी चार साल की सेवा पूरी करेंगे, उन्हें इसका लाभ मिलेगा।
क्षैतिज आरक्षण क्या है?
यह समझना महत्वपूर्ण है कि क्षैतिज आरक्षण (Horizontal Reservation) क्या है। यह एक प्रकार का आरक्षण है जो सभी श्रेणियों, यानी सामान्य वर्ग (General Category) के साथ-साथ ऊर्ध्वाधर आरक्षण (Vertical Reservation) श्रेणियों जैसे अनुसूचित जनजाति (ST), अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में प्रदान किया जाता है। इसका मतलब है कि अग्निवीरों को उनकी मूल श्रेणी (category) के बावजूद, इन विभिन्न श्रेणियों के भीतर भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह एक समावेशी कदम है जो यह सुनिश्चित करेगा कि अग्निवीर, चाहे वे किसी भी सामाजिक पृष्ठभूमि से हों, सरकारी नौकरियों में समान अवसर प्राप्त करें।
अग्निपथ योजना: एक संक्षिप्त परिचय
केंद्र सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) की शुरुआत की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सेना (Army), नौसेना (Navy) और वायु सेना (Air Force) में कर्मियों की कम अवधि के लिए भर्ती करना है, ताकि तीनों सेवाओं की औसत आयु को कम किया जा सके। इस योजना के तहत, 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए अग्निवीर (Agniveers) के रूप में भर्ती किया जाता है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों के लिए सेना में बनाए रखने का प्रावधान है।

सैनिकों और उनके परिवारों के लिए उत्तराखंड सरकार के अन्य प्रयास
मुख्यमंत्री धामी ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य सरकार हमेशा सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति समर्पित रही है। उन्होंने हाल के वर्षों में उनके कल्याण के लिए उठाए गए कई कदमों का उल्लेख किया:
- शहीदों के परिवारों के लिए बढ़ी हुई अनुग्रह राशि: शहीदों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि (ex gratia amount) 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है।
- वीरता पुरस्कार विजेताओं के लिए बढ़ी हुई राशि: वीरता पुरस्कार (gallantry awards) से सम्मानित सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त और वार्षिक राशि में भी वृद्धि की गई है।
- पूर्व सैनिकों के लिए मुफ्त यात्रा: 60 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व सैनिकों, सैनिकों की पत्नियों और वीर नारियों (Veer Naris) को बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) की मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है।
- शौर्य स्थल का निर्माण: देहरादून में शहीदों की याद में भव्य शौर्य स्थल (Military Dham) का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इस Military Dham में राज्य की 28 नदियों का पानी और शहीद सैनिकों के घरों से लाई गई मिट्टी शामिल है, जो उनके बलिदान का प्रतीक है।
- शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरी: अब तक, शहीदों के 37 आश्रितों को सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं। इस योजना के तहत, सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को भी दो साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है।
- यात्रियों और संपत्ति खरीद पर छूट: वीरता पुरस्कार विजेताओं, सेवारत और पूर्व सैन्य कर्मियों को उत्तराखंड रोडवेज (Uttarakhand Roadways) की बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा के अलावा, 25 लाख रुपये तक की स्थायी संपत्ति (permanent property) की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी (stamp duty) में 25% की छूट भी दी जा रही है।
यह आरक्षण और अन्य कल्याणकारी योजनाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि हमारे देश की सेवा करने वाले अग्निवीरों और उनके परिवारों को उचित सम्मान और सहायता मिले। यह उत्तराखंड सरकार का एक सराहनीय कदम है जो अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल कायम कर सकता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने अग्निवीरों के लिए आरक्षण और सैनिकों के कल्याण के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला है। आपके विचार क्या हैं? क्या आपको लगता है कि यह कदम अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करेगा? हमें टिप्पणियों में बताएं!